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नैतिक शिक्षा – click here मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।

माँ की सीख उसके कानों में बज रही थी, "बेटी गहने बुरे वक्त पर काम आते ह...

अंजलि ने उत्तर दिया, “सर्दी आ रही है, गैरी। तैयार रहना महत्वपूर्ण है।”

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पीछे मोहित आ रहा था दौड़ कर झट से अपने भाई को उठा लिया।

और यह तभी संभव है जब उनके पास नैतिक मूल्य हों

से हमें यह सीख मिलता है कि बुद्धि से कुछ भी पाया जा सकता है .

मोरल – अधिक शरारत और दूसरों को तंग करने की आदत सदैव आफत बन जाती है।

दादा जी ने देखा दोनों बिल्ली के बच्चे भूखे थे। दादा जी ने उन दोनों बिल्ली के बच्चों को खाना खिलाया और एक एक कटोरी दूध पिलाई। अब बिल्ली की भूख शांत हो गई। वह दोनों आपस में खेलने लगे। इसे देखकर ढोलू-मोलू बोले बिल्ली बच गई दादाजी ने ढोलू-मोलू को शाबाशी दी।

एक बुद्धिमान राजा था। उसका काफी बड़ा साम्राज्य था। उसके राज्य में प्रजा हर तरह से खुशहाल थी। राजा को अपने उत्तराधिकारी की तलाश थी।

पूरे गांव से आग लगी……………….. आग लगी , बुझाओ …….बुझाओ

पहले बेटे ने सोचा कि पिता तो सठिया चुके हैं। इस थोड़े से पैसे से इस महल को किसी चीज से कैसे भरा जा सकता है। इसलिए वह एक मयखाने में गया, शराब पी और सारा पैसा खर्च डाला।

फिर सभी ने उस सन्यासी से कहा “तो आप यह काम जल्द से जल्द करिये”। इस पर उस सन्यासी ने कहा “एक समस्या है, इस कार्य लिए परिवार के किसी अन्य सदस्य को अपनी प्राण त्यागना होगा।

उत्तर: तैयार रहना और कड़ी मेहनत करना महत्वपूर्ण है, लेकिन दयालु होना और जरूरतमंदों की मदद करना भी महत्वपूर्ण है।

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